Page 48 - Mann Ki Baat - November2022
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प्रदेश और पतशचमी फबहार से फगरफमफटया भारतीय ्ाद्यनत्ों का उपयोग होता िा।
भारतीयों के साि भारतीय गीत-संगीत इसी प्रकार इंडो-िीजी संगीत भारत के
ु
गयाना पहँचा। अफधिकांश भजन और उत्तरी ग्रामीण अंचि और कुछ दफक्षणी
भत्त गीत भोजपुरी फहनदी में ही गाए जात े राजयों के संगीत से बहुत प्रभाफ्त है।
िे, फजनमें हारमोफनयम, फसतार, तबिा, भारतीय संगीत उद्ोग और सरकार
ढोिक और धिनताि जैसे पारमपररक ने उच्तम सतर पर संगीत की सॉ़फट
पा्र को मानयता दी है और उसका
समि्यन फकया है और यह भारतीय
संगीत को िोकफप्रय बनाने और दुि्यभ
्ाद्यनत् बनाने तिा बजाने के कौशि
को संरफक्षत करने की आ्शयकता की
पहचान के साि शुरू होता है। इसकी एक
फमसाि है संगीत नाटक अकादमी द्ारा
आयोफजत ‘जयोफतग्यमय’, जो देश भर के
दुि्यभ ्ाद्यनत्ों के ्ादकों की प्रफतभा
प्रदफश्यत करने का एक अनूठा उ्स्
है, फजसमें गिी-कूचों में किा फदखाने-
सुनाने ्ािे किाकार (सट्ीट परफ़ाम्यर),
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े
प्रफशफक्षत किाकार (ट्नड ऐंटरटेनर),
मतनदरों से जुड़े किाकार आफद शाफमि
होते हैं।
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