Page 53 - Mann Ki Baat - November2022
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             भारतीय सिीत : भारतीय सांस्ततक विरासत
                           की  िरौरिशा़्ी परम्परा

        “     मुझे  बहुत  ख़ुशी  हुई  फक  हमार  े  के  साि  भारतीय  शासत्ीय  संगीत


                                            और  संसककृफत  को  फ्श्  सतर  पर
          प्रधिानमंत्ी  ने  ‘मन  की  बात’  के
                                                                       े
          समबोधिन  में  भारतीय  संगीत  का   बढ़ा्ा फदया जा सके। शंकर महाद्न
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          उलिख फकया फक कैसे यह भारत की      एकेडमी  इसी  प्रयास  का  एक  बड़ा
          सांसककृफतक फ्रासत का एक बहुत ही   फहससा है, फजसमें हम हर उम्र के िोगों
          महत््पण्य  फहससा  है।  हमारे  संगीत  में   को शासत्ीय संगीत की फशक्षा देते हैं।
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          बहुत गहराई है और िोग कई ््गों स  े  इस  अकादमी  के  माधयम  से  हम  88

          इसका अधययन कर रहे हैं। भारतीय     देशों में शासत्ीय संगीत को बढ़ा्ा द  े
          संगीत न के्ि हमारे देश में, बतलक   रहे हैं, ्योंफक हमारे छात् कई देशों स  े
          फ्देशों  में  भी  अ्यफधिक  िोकफप्रय  है।   भारतीय शासत्ीय संगीत सीखने आत  े
          भारतीय ्ाद्यनत्ों के फनया्यत में फदन-  हैं।  िोग  भारतीय  संगीत  को  पसंद
          ब-फदन  ्फद्ध  हो  रही  है,  इसमें  गहरा   करते   “ हैं  और  हमेशा  इसके  बारे  में
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          किा्मक  बोधि  है।  मैं  फ्श्  प्रफसद्ध   और अफधिक जानने के फिए प्रो्साफहत
          फगटार्ादक  जॉन  मैकिॉफ़फिन,        होते हैं।
          तबिा्ादक  उसताद  ज़ाफकर  हुसैन
                                                     शंकर महादे्न
          और कई अनय फ्श् प्रफसद्ध किाकारों       प्रफततषठत भारतीय गायक
          के साि सहयोग करने का भी प्रयास            और संगीतकार
          करता हँ ताफक फ्श् संगीत के फयज़न
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