Page 56 - Mann Ki Baat - November2022
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मानव मन्दिर


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                                  े
        िस्लर डडस्ट्ॉफी क िखलाफ आशा की नई वकरण



            मान्  मतनदर  अपने  नाम  के       स्ामी फ््ेकानंद का एक प्रफसद्ध
                                                                े
        अनुरूप  ही  मान्  से्ा  की  अद ्भुत   किन है, “मान् जाफत की स्ा करना
        फमसाि  है।  हर  तरह  की  हाईटेक   सौभागय की बात है, ्योंफक यह ईश्र

                                                                ्
        सुफ्धिाओं के ज़ररए इस केंद्र में रोफगयों   की पूजा है।” शातनत और सद भा् िान  े
        के जी्न में सकारा्मक बदिा् िाने   के इरादे से मान्ता की भा्ना से राषट्
        का भी प्रयास होता है।             और उसके िोगों के फिए की गई स्ा,
                                                                     े
                    -प्रधिानमंत्ी नरेनद्र मोदी   भग्ान  की  स्ा  बन  जाती  है।  यह
                                                      े
             (‘मन की बात’ के समबोधिन में )  ्फचतों और फनराश िोगों में आशा और
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                                          ऊजा्य का संचार करती है।
                                             आज समाज में मान्ता की स्ा
                                                                      े
                                          कई रूपों में की जा रही है। वयत्तयों स  े
                                          िेकर स्ैतचछक समूहों, छोटे दानकता्य
             “मसकुिर  फडसट्ॉफ़ी  एक        संगठनों से िेकर बड़े कॉपवोरेट घरानों,
         िाइिाज,  फनरनतर  बढ़ने  ्ािा
         नयुरोमसकुिर  जैनेफटक  फडसऑड्डर   फनजी संसिाओं से िेकर गैर-सरकारी
         है,  फजसमें  शरीर  की  मांसपेफशयाँ   संगठनों  तक  मान्ता  के  फिए  फकए
                                                                   ं
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         शत्तहीन होती जाती हैं और मरीज़   जाने ्ािे कायगों की एक फ्सतत �खिा
         अनततिः  चिने-फिरने  से  पूरी     है, फजसमें फशक्षा, भोजन, स्ासरय उपाय,
         तरह  िाचार  हो  जाता  है।  इंफडयन   आ्ास, फदवयागों के फिए सहायता और
                                                    ं
         एसोफसएशन     ऑफ़     मसकुिर       सामाफजक रूप से बफहषककृत, मानफसक
         फडसट्ॉफ़ी  (आईएएमडी)  प्रधिानमंत्ी   रूप से फन:श्त और समाज के सभी
         नरेनद्र  मोदी  का  अ्यनत  आभारी
         है  फक  उनहोंने  अपने  ‘मन  की  बात’   ्गगों  के  पीफड़त  वयत्तयों  के  फिए
         समबोधिन में मसकुिर फडसट्ॉफ़ी का   पुनिःसिापन काय्यक्रम शाफमि हैं।
         उलिेख  करके  देश  में  इसके  प्रफत   इस प्रकार मान्ता फकसी भी राषट्
         फचरप्रतीफक्षत जागरूकता पैदा की।”  के फिए सििता का पैमाना है। हर क्षेत्
                         -संजना गोयि      में तकनीकी प्रगफत, उन्त अनुसनधिान,
          अधयक्ष, इंफडयन एसोफसएशन ऑ़ि     न्ाचार  और  अ्याधिफनक  बफनयादी
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                      मसकुिर फडसट्ॉफ़ी
                                          ढाँचे तिा उपकरणों के साि राषट् को
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