Page 19 - Mann Ki Baat- Speech
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प्रधानमंत्री  मोदी  अपने  मन  क�  बात  क   हम सभी को यह भलीभां�त �ात ह �क ��
                                                                                                                                े
                                                                                                                                                               ै
                                                    आयुष  इड्रस्ट्री  आज  एक  लाख  चालीस
                                                           ं
                            े
                                      े
        प्रधानमंत्री और रा�प�त क वै� प�श्री दवे� �त्रगुणा                                       संबोधन  म�  कहते  ह  भारत  सरकार  क�  ऐसी
                                                                                                               �
                                                                                                                                                                      े
                                                    हजार करोड़ रुपये क आसपास पहुच रही ह,                                               जीवन  और  अ�ा  पोषण  आ�-संर�ण  क
                                                                   े
                                                                             ँ
                                                                                   ै
                                    े
              �
        कहते ह �क अमे�रका और यूरोप जैसे दश� म� �च�क�ा                                           कशल  नी�तय�  और  अथक  प्रयास�  से  आज
                                                                                                 ु
                                                                                                                                                   ै
                                                    मतलब  लोग  आधु�नक  शोध  और                                                        �लए  मह�पूणर्  ह  और  सौभा�  से  आयुव�द
                         ै
                                          े
                                े
        प्रणाली इतनी महगी ह �क वहां क नाग�रक� क �लए                                             दश म� कई ह�कयर और वेलनेस �ाटअप
                     ं
                                                                                                 े
                                                                                                                              र्
                                                                                                             े
                                                                                                         े
                                                    पारंप�रक  �ान  क  संगम  से  तैयार  जड़ी                                            क�  अपनी  �वशाल  �वरासत  और  �ान  क
                                                                  े
                                                                                                                                                                      े
                                ै
                    ै
        भी सहज नह� ह। उनक� इ�ा ह �क भारत एलोपैथी,                                               फल-फल रह ह। प्रधानमंत्री नरे� मोदी ने भी
                                                                                                           �
                                                                                                     ू
                                                                                                          े
                                                    बू�टय�  क�  प��त  को  जीवन  का  �ह�ा                                              साथ, भारत को कह� और दृ��पात करने क�
                      े
                                          े
        आयुव�द और योग क गुण� को �मलाकर सभी क �लए                                                अपने  ‘मन  क�  बात’  स�ोधन  म�  क�पवा,
                                                    मानने  लगे  ह�।  खासकर  ऐसे  दौर  म�  जब
                                                                                                                                                       ै
        एक �कफायती �च�क�ा प��त तैयार करे।                                                       �नरोग-स्ट्रीट,  आत्रेय  इनोवेशन,  इ�ो�रयल   भी आव�कता नह� ह। �वकास क� लहर� पर
                                                            ृ
                                                    शहरी सं��त म� लोग� क� �दनचयार् और
                                                                                                                         े
                                                                                                                             र्
                                                                                                               ु
                                                    खानपान बदल गया ह। ै                         और �ोरवेदा जैसे कछ ऐसे अनूठ �ाटअ�     अठखे�लयाँ  करते  आयुव�द  आयुष  �ेत्र  म�
        वतर्मान  म�  प्रधानमंत्री  नरे�  मोदी  क  प्रयास�  स  े
                                     े
                                                                        पुल�कत माथुर            का उ�ख �कया जो स�दय� पुरानी भारतीय    �ाटअ�  क�  बढ़ती  सं�ा  क  मा�म  से
                                                                                                      े
                                                                                                                                          र्
                                                                                                                                                             े
        आयुव�द पारंप�रक �च�क�ा प��त क रूप म� अपनी              �वभागा��, पोषण �वभाग,
                                    े
                                                                                                                          े
                                                                                                                             े
                                                                                                �वरासत को बढ़ावा दने म� योगदान द रह ह, जो   अनूठ तरीक� से हमारे जीवन म� �फर से प्रवेश
                                                                                                               े
                                                                                                                              �
                                                                                                                                          े
                                                                                  े
                                                                      े
        वै��क प्र�स�� को बढ़ा रहा ह और 30 से अ�धक दश�                 लडी इर�वन कॉलज
                                            े
                             ै
                                                                                                अपने  और  आयुष  मंत्रालय  क  उ���  को   करने क �लए तैयार ह। इस प्राचीन �ान ने
                                                                                                                       े
                                                                                                                           े
                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                       ै
                           ै
        म�  पहचान  बना  चुका  ह।  वै��क  �र  पर  बढ़ती
                                                                                                                         ं
                                                                                                सफल करने क� �दशा म� एक लबी दूरी तय
                                                                                                                                                          े
                                                                                                                                                 ै
                                   े
        �ीकायर्ता और औष�धय� क� मांग क म� भारत क�                                                                                      हम� �सखाया ह �क समय क साथ आने वाल  े
                                                                                                     े
                                                                                                                               ं
                                                                                                कर चुक ह। ऐसे �ाटअ� क� सूची बहुत लबी
                                                                                                       �
                                                                                                               र्
                                                                                                                                                           �
                                                                                                                                               े
                                          र्
                     े
        बढ़ती  उ��मता  क  �ेत्र  म�  बहुत  से  नए  �ाट-अ�                                                                              प�रवतर्न� क साथ हमारी जड़ और गहरी होती
                                                                                                       ै
                                                                                                                              ै
                                                                                                हो चुक� ह और �नरंतर बढ़ती ही जा रही ह। यह
                                                                                                                                            �
        पनपे  ह  ���क  को�वड-19  महामारी  क  दौरान                                                                                    जाती ह और हम अ�धक सश� होते जाते ह। �
              �
                                        े
                                                                                                भारत क युवा उ��मय� और भारत म� बन रही
                                                                                                      े
        आयुव��दक उ�ाद� क� वै��क मांग म� वृ�� पर प्रकाश
                                                                                                नई संभावनाओं, नई आशाओं का प्रतीक ह। ै
        डालते हुए, प्रधानमंत्री नरे� मोदी ने �नजी �ेत्र और
            र्
        �ाट-अप  उ�ोग  से  आयुव�द  क�  वै��क  मांग  का
                                                                                                                                   े
                                                                                                                 आयुव�द जगत क उभरते �सतारे
        अ�यन करने और 'वोकल फॉर लोकल' बनकर इस
        �ेत्र म� वै��क च��पयन बनने का आग्रह �कया था।
                                                                                                                        े
                                                                                                                                    ं
                                                                                                                     े
                                                                                                                                         े
                                                                                                                                            े
                                                                                            क�पवा क� शुरुआत आयुव�द को दश क हर घर तक पहुचाने क उ�� से क� गई थी ���क इसम� औषधीय
        माननीय प्रधानमंत्री क दूरदश� दृ��कोण और नेतृ�                                       गुण� क अलावा और भी कई गुण ह। आयुव�द का �व� �र पर �ापक दायरा ह। आज क� दु�नया म� लोग
                        े
                                                                                                                      �
                                                                                                 े
                                                                                                                                                       ै
                                                                                                                                             �
          े
                                            र्
                              े
                                                                                                                                                            े
        क  साथ  भारत  सरकार  ने  दश  म�  आयुष  �ाटअप                                        तनाव, प्रदूषण और अ� कारक� क बावजूद �� जीवन चाहते ह और इससे ��� क जीवन म� आयुव�द
                                                                                                                      े
                                                                                                            ै
                                                                                                                                            ं
                                                                                                                     �
                                                                                                                                                   े
        इको�स�म को बढ़ावा दने क �लए कई कदम उठाए                                              क� भू�मका बढ़ गई ह। हम चाहते ह �क हमारी �वरासत भारतीय कप�नय� क मा�म से दु�नया भर म� सभी
                              े
                          े
                                                                                                                     े
                                                                                                  ं
                                                                                                                                                                      र्
                                                                                                                                    े
                                                                                                                                      े
                                                                                            तक पहुचे। बड़ी सं�ा म� रोजगार क अवसर प्रदान करक दश क� आ�थ�क ���त म� सुधार लाने म� �ाट-अप
         �
        ह।  अकाद�मक  �ान  का  लाभ  उठाकर  उ��मता  को
                                                                                                                                                                 े
                                                                                                                                            े
                                                                                                                         े
                                                                                                                 �
                                                                                                                े
                                                                                                                                  े
                                                                                            मह�पूणर् भू�मका �नभा रह ह। आयुव�द क कई फायद ह, उदाहरण क �लए इसका कोई साइड-इफ� नह� ह  ै
                                                                                                                                    �
        बढ़ावा दने क �लए, अ�खल भारतीय आयुव�द सं�ान
              े
                  े
                                                                                                                                   े
                                                                                            ���क यह �ब�ल प्राक�तक ह और रोग-�नवारक दखभाल म� इसक� उपयो�गता क कारण भी। क�पवा नई
                                                                                                                    ै
                                                                                                                                                         े
                                                                                                         ु
                                                                                                              ृ
        (एआईआईए)  ने  अपने  प�रसर  म�  एक  इन�ूबेशन
                                                                                                                                 �
                                                                                                              ै
                                                                                                                                            े
                                                                                            पीढ़ी का एक नया नाम ह �जसका मूल आयुव�द म� ह और इसका उ�� सभी का �ा� और क�ाण ह। ै
         ं
        एड इनोवेशन स�टर क� �ापना क� ह ता�क नए युग
                                    ै
                                                                                                                                                                  अमेव शमार्
        क नए उपक्रम� का समूह तैयार �कया जा सक। इसक
          े
                                         े
                                              े
                                                                                                                                      सं�ापक एवं प्रमुख कायर्कारी अ�धकारी, क�पवा
        अलावा  �ाटअप  इ�डया  क  सहयोग  से  अ�खल
                             े
                       ं
                   र्
        भारतीय आयुव�द सं�ान ने भी फरवरी, 2022 म� एक
                                                                                           भारत का �वचार सभी का �ा� और क�ाण ह और इसे लागू करने का सबसे अ�ा तरीका आयुव�द ह  ै
                                                                                                                                 ै
        'आयुष �ाट-अप चैलज' शुरू �कया ह, ता�क प्रारं�भक
                                   ै
                 र्
                        �
                                                                                                                                              े
                                                                                           और यही �व� �र पर इसक� बढ़ती �ीकायर्ता का कारण ह। लोग� क जीवन म� प्रभाव डालने क� �मता ने
                                                                                                                                        ै
        चरण क �ाट-अप और आयुव�द �ेत्र म� इनोवेशन और
              े
                  र्
                                                                                                                                                                े
                                                                                           �नरोग स्ट्रीट का मागर् प्रश� �कया। आयुव�द को भारत म� �वक�सत �कया गया था और दु�नया क �लए बनाया
                                     े
        वैक��क उपचार पर काम करने वाल ���य� को                                              गया था। दु�नया भर म� 300 �म�लयन संप� लोग योग करते ह, जो आयुव�द का प�रचय ह, इस�लए इसे �व�भ�
                                                                                                                                        �
                                                                                                                                                          ै
        प्रो�ा�हत �कया जा सक। 'आयुष �ाट-अप चैलज' क                                         भाषाओं म� �वशेष रूप से संयु� रा� �ारा मा�ता प्रा� भाषाओं म� प्रचा�रत करना मह�पूणर् ह। ै
                                   र्
                                          �
                                              े
                         े
        �वजेताओं  को  एआईआईए  से  नकद  पुर�ार  और                                                                                                                राम कमार
                                                                                                                                                                      ु
                                                                                                                                                                       र्
                      र्
        इन�ूबेशन सपोट दोन� प्रा� ह�गे।                                                                                    सं�ापक एवं प्रमुख कायर्कारी अ�धकारी, �नरोग स्ट्रीट �ाटअप
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