Page 24 - Mann Ki Baat- Speech
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जल संर�ण क �लए एक आदशर् - जल संर�ण का प्राचीन �ान हमारे पूवर्ज� क� वष� क� उपे�ा क कारण क�चड़ और कचरे स े इस महीने प्रधानमंत्री श्री नरे� मोदी ने मन
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�तरुपुर, त�मलनाडु क रंगाई उ�ोग दूरदृ�� को दशार्ता ह, जो चाहते थे �क आने वाली भरे �सकदराबाद क बंसीलाल-पेट कआं को क� बात क दौरान हमारे काम का �जक्र
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पी�ढ़यां उनक इस �ान से लाभा��त ह�। वाव, अब जनभागीदारी �ारा संर�ण और ��ता
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�तरुपुर, त�मलनाडु क रंगाई उ�ोग संघ ने �कया। जीण��ार म� जुटी टीम इस बात स े
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बावड़ी, जोहड़, कड, तालाब पारंप�रक तरीक� क से एक नई छ�व प्रा� हो रही ह। ै
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उ�ोग� म� प्रच�लत कशल जल प्रबंधन प्रथाओं बेहद खुश ह �क इतने ऊचे �र पर हमारे
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कछ ऐसे उदाहरण ह �जनक मा�म से हमारे
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का एक उदाहरण �ा�पत �कया ह। वे शहर क �पछल आठ वष� म� भारत सरकार ने प्रधानमंत्री प्रयास� क� सराहना हो रही ह। महारा� क
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पूवर्ज� ने पानी का संर�ण �कया। ल�कन, समय
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रंगकार� �ारा खोजी गई जीरो �ल��ड श्री नरे� मोदी क नेतृ� म� �� भारत और �ानीय लोग भी प्रस� ह �क दश को
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क साथ हम जल-प्रा�� क नए तरीक� क� ओर बढ़ े
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�डस्चाजर् (जेडएलडी) तकनीक का उपयोग जल संर�ण क� �दशा म� क��त दृ��कोण क महारा� क� खूबसूरत बाव�ड़य� क बारे म �
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और उन तरीक� को भूल गए जो हमारी �पछली
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करते ह| वे रंग प्रवाह से बरामद रीसाइक� साथ सम�प�त रूप से काम करना आर� कर पता चल रहा ह। हम कामना करते ह �क
पी�ढ़य� ने हम� उपहार म� �दए थे।
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पानी का उपयोग करक हर �दन 12 करोड़ �दया ह। सरकार ने वषर् 2019 म� जल श�� आने वाल समय म� और लोग हमारे
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लीटर तक पानी बचा रह ह। 2012 से रंगकार� ऐसे ही कछ पुरातन �ान से �न�म�त जल-संर�ण अ�भयान से जुड़। �
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अ�भयान शुरू �कया, �जसका उ�� जल
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ने इस तकनीक को शहर क सभी रंगाई क क�� का उ�रण प्रधानमंत्री नरे� मोदी ने मन रोहन काल े
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संर�ण और जल संसाधन प्रबंधन ह। �जसक�
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उ�ोग� म� लागू कर �दया ह। ै क� बात क अपने संबोधन म� �दया। पयार्वरण�वद्, महारा�
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थीम 'कच द रेन, �यर इट फॉ�, �न इट
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पयार्वरण को हा�न न पहुचाने वाली यह प्रथा प्रधानमंत्री नरे� मोदी ने चे�ई क अरुण फॉ�’ अथार्त ‘वषार् जल क� हर बंद का
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तब संभव हुई जब 326 रंगाई उ�ोग 18 कॉमन क�मू�त� क प्रयास� पर प्रकाश डाला, जो भारत क संर�ण’ ह। यह �मशन दश क सभी �जल� क जब करल क मुप�म श्री नारायणन जी न े
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ए�ुएट ट्रीटम�ट �ांट (सीईटीपी) और 100 तालाब� और झील� को साफ करने का अ�भयान ग्रामीण और शहरी दोन� �ेत्र� क �लये ह। वषार् ग्री�काल म� जानवर� और प��य� क� दुदशा
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���गत ए�ुएट ट्रीटम�ट �ांट (आईईटीपी) चला रह ह। वह पहल ही 150 तालाब� और झील� जल संचयन, वाटरशेड �वकास, वनीकरण क दखी, तो उ��ने ‘Pots for water of life'
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बनाने क �लए एक साथ आए। नतीजा यह ह ै क� सफाई कर चुक ह। इसी तरह महारा� क रोहन अ�त�र� यह �मशन पारंप�रक जल �नकाय� नामक एक प�रयोजना शुरू क�। इस अ�भयान
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�क आज �तरुपुर का रंगाई उ�ोग अपन े काल ने सैकड़� बाव�ड़य� को संर��त करने क क नवीनीकरण पर भी �ान क�द्रत करता ह। म� वह लोग� को �म�ी क बतर्न बांट रह ह ता�क
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प्रसं�रण क �लए 90% से 95% रीसाइक� �लए एक अ�भयान शुरू �कया, �जनम� से अ�धकांश गम� क �दन� म� पशु-प��य� को पानी क�
बाव�ड़य� क� र�ा म� मह�पूणर् भू�मका �नभान े
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पानी का उपयोग कर रहा ह। ै स�दय� पुरानी ह और हमारी �वरासत का �ह�ा ह। सम�ा का सामना न करना पड़ यह जानकर
वाली गुजरात क� जल मं�दर योजना का
आ�यर् होता ह �क मुप�म �ारा दान �कए गए
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इसका प्रभाव इस त� से �� समझ आता ह ै उदाहरण दते हुए प्रधानमंत्री नरे� मोदी न े
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�म�ी क बतर्न� क� सं�ा 1 लाख को पार करन े
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�क सन् 2000 से पहल नो�ाल नदी का नाग�रक� से �ानीय �र पर इसी तरह क
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वाली ह। ै
पानी हाई टोटल �डसॉ� सॉ�लड (टीडीएस) अ�भयान चलाने का अनुरोध �कया ह। ै
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क कारण क�ष प्रयोग क �लए अनुपयु� था,
एक उ�क�टबंधीय दश होने क कारण भारत
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ल�कन जीरो �ल��ड �डस्चाजर् �स�म क
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को हर साल कठोर गम� का सामना करना
लागू होने क बाद, नदी का पानी �फर से
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पड़ता ह। दश म� राज�ान, �द�ी, गुजरात,
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सुर��त ह। और इस सुर��त जल का �स�चाई
उ�र-प्रदश आ�द रा� जहाँ गम� क मौसम म �
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उ��� क �लए उपयोग आर� हो चुका ह। ै
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तापमान 40 �डग्री से ऊपर पहुच जाना आम
भीषण गम� हमारे दश म� पानी क� कमी का
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बात ह और जहाँ कभी-कभी तो पारा 50 �डग्री
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एक बड़ा कारण बनती ह। सभी क �लए पानी
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से��यस तक पहुच जाता ह। ऐसी भीषण गम�
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क� उपल�ता बनी रह इस�लए हमारे जल
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क� ���त न कवल इसान� को प्रभा�वत करती
संसाधन� क� र�ा करना मह�पूणर् हो जाता
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ह, ब�� हमारे पशु और प�ी �मत्र� को भी बहुत
ह। स�दय� से जल संर�ण कओं, तालाब�
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प्रभा�वत करती ह। ै
आ�द क रूप म� हमारी सं��त का �ह�ा
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रहा ह।
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