Page 28 - Mann Ki Baat- Speech
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        प्रधानमंत्री क 'एक भारत श्रे� भारत' अ�भयान से प्रे�रत   रा�  क�  एकता  को  संजोते  हुए,  कला  एवं   इसी  उ��  से  शुरू  हुए  प्रधानमंत्री  �ारा  प्रे�रत   साथ  ही  'एक  भारत,  श्रे�  भारत'  आ��नभर्र
                                                                                                                                                      े
                                                                                                                                                  े
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        हो कर 2018 म� इस मेल म� पूव��र भारत क 8 रा�� न  े  सां��तक वै�व� को जन-जन तक पहुचाने   ‘एक  भारत,  श्रे�  भारत’  कायर्क्रम  का  ल�   उ��मता  और  दश  क  सामा�जक  व  आ�थ�क
                                     े
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                                                                                                                                                            ै
                                                                                                                                                       े
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                                                                                                          े
        सां��तक आयोजन� म� बढ़-चढ़ कर भाग �लया था।    क �लये प्राचीन माधवपुर क मेल जैसे �व�भ�     �व�भ� �ेत्र� क लोग� क बीच एक सतत और    �वकास को बढ़ावा भी द रहा ह। �जससे एक साथ
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                                                                      े
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                                                                                               संर�चत  सां��तक  संपक  को  बढ़ावा  दना  ह।   �मलकर उठ हाथ एक सूत्र म� बंधे हाथ, दश को
                                                                                                                                                                    े
        जैसा �क प्रधानमंत्री जी ने कायर्क्रम म� बताया, इस मेल  े  कायर्क्रम�  क�  आ�ा  और  मह�ा  को  समझ
                                                                                               प्रधानमंत्री का यह मानना ह �क जब हम भारत   आ�थ�क  मोच�  पर  आ��नभर्र  बनाय�  और  एक
                                                                                                                    ै
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        म� अब पूव��र भारत से बहुत से घराती (क�ा प� क   कर  न  �सफ  उ�  संर��त  �कया  जा  रहा  ह  ै
                                                                                                                     ं
                                                                                               क�  �व�वधता  को  पहचान  पाएगे,  तब  ही  भारत   प�रवार क� भां�त �मलजुल कर हम अपने दश
                                                                                                                                                                       े
                                                            े
                                                                       े
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        लोग)  भी  आने  लगे  ह।  रु��णी  क  प�रवार  क   ब��  उनक  मा�म  से  दश  को  प्रेरणा  और
                          �
                                                                                               क� शिक् त को पहचान पाएगे। इस आदान-प्रदान   को सबल, स�म और समृ� बनाय�।
                                                                                                                  ं
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        प्र�त�न�ध क रूप म� माधवपुर मेल म� उ�र-पूवर् क लोग�   �व�ास क� एक अनुपम सीख प्रे�षत क� जा रही
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                                                                                                                             े
                                                                                               क  मा�म  से  आज  �व�भ�  रा��  क  लोग
                                                                                                े
                                                    ै
        क ज�े का पारंप�रक �ागत �कया जाता ह। अब हर   ह।  ये  भारत  क�  आधारभूत  संरचना  से  जुड़ा   पर�र एक-दूसरे क� भाषा, सं��त, परंपराओं
                                        ै
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                                                                                                                       ृ
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        वषर् इस आयोजन म� पूव��र और गुजरात क� कला,   �वषय न �सफ हम� हमारी �व�वधताओं से भरी      और  प्रथाओं  को  समझ  रह  ह,  जो  भारत  क�
                                                                                                                    े
                                                                                                                      �
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        संगीत, क�वता और लोकनृ�� क� अनुपम छटा दखन  े  जीवनशै�लय� को एक साथ ला रहा ह वरन ये      एकता  और  अखंडता  को  मज़बूत  करने  म�
                                                                 ै
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        को �मलती ह, जो दश क सां��तक समायोजन का,    भी �स� कर रहा ह �क प्राचीन काल से अब        मह�पूणर् भू�मका �नभा रहा ह।
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                                                                     े
        वै�श� का एक अ��तीय उदाहरण ह। ै             तक इतनी �व�वधताओं क बीच भी रहा ह “एक
                                                   भारत”| साथ ही हम सब को एक एहसास �दला
                                                       ै
                                                           ै
                                                   रहा ह �क कसे रहा ह यह ‘श्रे� भारत’।
                                                                  ै
          एक भारत,
          श्रे� भारत को साकार करता
          माधवपुर मेला।
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          • गुजरात म� आयो�जत यह मेला दश क प��मी
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          और पूव� छोर को जोड़ता ह। ै
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          • माधवपुर म� ही श्रीक� और अरुणाचल प्रदश
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          क  इदु  �म�ी  जनजा�त  क�  राजकमारी
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          रु��णी का �ववाह संप� हुआ था।
                                          े
          •  भी�कनगर,  अरुणाचल  प्रदश  का  उ�ख
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          महाभारत और का�लका पुराण म� पाया जाता ह। ै
          •  इस  मेल  म�  गुजरात  और  पूव��र  भारत  क
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                                            े
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          रा�� का सां��तक एकाक�करण दखने को
          �मलता ह। ै
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