Page 25 - Mann Ki Baat- Speech
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अरुण क�मू�त� चला पयार्वरण क �लए अरुण का जुनून बचपन म � महारा� क� बाव�ड़य�
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चे�ई क मु�दचुर म� शुरू हुआ, जो तब जल
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रह ह प्रक�त सेवा का क� कायापलट हतु
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�नकाय� से �घरा हुआ था। उनक घर क आसपास
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अ�भयान रोहन काल क प्रयास
क प्राक�तक वातावरण और इसक धीमे-धीम े
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भारतीय पयार्वरण�वद् सं�ान “हमारे पूवर्ज� ने हमारे �लए बावड़ी
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�रण ने उ� जल संर�ण क �लए �यंसेवा
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(एनवायरनम�ट फाउडशन ऑफ इ�डया) बनाने क �लए कड़ी मेहनत क�, ता�क
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करने को प्रे�रत �कया।
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क सं�ापक अरुण क�मू�त� ने 20 वष र् हम पानी का संर�ण कर सक। ल�कन
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क� आयु से ही आसपास क� झील� को एक छात्र �यंसेवक क रूप म� �बताए �दन� न े आज लोग इन बाव�ड़य� को ड�प�ग ग्राउड
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साफ करने क� यात्रा शुरू क� थी। उ��न े मानते ह। इस�लए हमने महारा� क�
उ� �सखाया �क एक एनजीओ कसे काम
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Google म� अपनी उ�-वेतन वाली बाव�ड़य� क संर�ण क �लए एक
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करता ह, एनवायरनम�ट फाउडशन ऑफ इ�डया
नौकरी छोड़ दी और 2007 म� अ�भयान शुरू �कया।
2007 से 2011 क म� पूणर् �यंसेवी-संचा�लत
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एनवायरनम�ट फाउडशन ऑफ इ�डया क�
अ� ू बर 2020 से माचर् 2021 तक, म�न े
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�ापना क�, जो एक आंदोलन क रूप म � आंदोलन था, �जसम� मु� रूप से चे�ई,
पूरे महारा� क� यात्रा क� और 14000
�वक�सत होता गया। इस सं�ान ने 15 कोयंबट ू र और हदराबाद म� झील क� सफाई म � �कलोमीटर क� इस यात्रा म� 400
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रा�� म� जल �नकाय� का पुनरु�ार
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अरुण क �नजी नेटवक क मा�म से छात्र बाव�ड़य� क� पहचान क�। म� इस
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करने म� सहायता क� ह और अ� अ�भयान क �वज़न को पु�ा करने क
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शा�मल हुए थे। क�मू�त� ऐसे �यंसेवी प्रयास�
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पयार्वरणीय मु�� पर भी कायर् �कए ह। �
�लए घुम�ड़�, ट्रकसर्, पुरातन
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का चेहरा बन गए, जो अब चे�ई और कई अ�
शोधकतार्ओं, पुरात��वद� आ�द को
शहर� म� एक लोक�प्रय अवधारणा बन चुक ह। �
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एक साथ लाया।
2012 म� ईएफआई को व�जीव संर�ण और
अब तक हमने महारा� म� 1650
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आवास पुनरु�ार समूह क रूप म� पंजीकत बाव�ड़य� क� सफलतापूवर्क मै�प�ग क�
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�कया गया। उ� उसी वषर् ‘रोल� अवाड फॉर ह। हमारा अगला ल� इन बाव�ड़य� क
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एटरप्राइज’ क �लए चुना गया था। इनक �लए आ�क � ट�र प्रपत्र तैयार करना ह ै
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गैर-लाभकारी ट्र� ने 15 रा�� म� लगभग 141 �जसम� उनक �नमार्ण, �नमार्ता, उ��
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जल �नकाय� को बहाल �कया ह। सरकार �ारा आ�द क बारे म� �ववरण शा�मल ह�गे।
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जल सुर�ा �मशन क साथ 2014 म� एनजीओ इस �व�ृत अ�यन म� हम संरचनाओं
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को बेहतर ढग से समझने क �लए
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क� भागीदारी को सु�व��त करने क बाद
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बाव�ड़य� क फोटो और ड्रोन शॉट्स भी
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बहाली पर ईएफआई क प्रयास दृढ हो गए।
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जान� जल संर�ण क �लये �कए गए एकत्र कर रह ह। हमारा मु� उ�� इन
सरकार, नाग�रक समाज, गैर सरकारी संगठन�
अरुण क�मू�त� जी क प्रयास,
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खूबसूरत �वरासत� को संर��त करन े
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scan कर� QR code और उ�ोग� क सहयोग से यह झील संर�ण क
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और इ� लोक�प्रय पयर्टन �ल� म�
�लए एक सफल मॉडल बन गया।
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बदलने क �लए रणनी�तय� क� पहचान
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करना और उ� �क्रया��त करना ह। ै
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