Page 29 - Mann Ki Baat- Speech
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         माधवपुर मेल का इ�तहास:                    महाभारत :  भारत क� एकता और
               ृ
         श्री क�-रु��णी �ववाह क� कथा               श्रे�ता का महाग्रंथ                                                   �ब�बी भारत
                                                                        ृ
                                                   प्राचीन  वै��क  परंपरा  सं��त  और  �वरासत
                                              े
         एक प्र�स� इ�तहासकार और पौरा�णक कथाओं क
                                                   अनुसंधान  सं�ान  क  �नदशक  श्री  �वजय
                                                                         े
                                                                    े
                                                                                                                                       े
                                        ृ
         �व�ान  श्री  नरो�म  पालन  ने  भगवान  क�  और                                                                 �तंत्रता क नायक� को नमन
                                                         े
                                                   �ामी क अनुसार भी�कनगर, �नचली �दबांग
                         े
                  े
         रु��णी क �ववाह क उ�व पर आधा�रत माधवपुर    घाटी, अरुणाचल प्रदश �स� करता ह �क कस  े
                                                                                   ै
                                                                  े
                                                                              ै
                                                                                                                                                                   े
                                                                                                                                                                     �
               े
         मेल  क  बारे  म�  अपने  �वचार  साझा  �कए।  उनका   महाका� महाभारत एक भारत श्रे� भारत का    दश  ने  अपनी  आज़ादी  क  नायक-       आज हम आजादी का अमृत वषर् मना रह ह। इस
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                                                                                                    े
                                                                                                                        े
                                                   प्रतीक ह। ै
                                                                                                                                                          े
                                                                                                                                                               े
         कहना ह �क क� को राजकमारी रु��णी का एक                                                     ना�यकाओं को श्र�ा पूवर्क याद �कया।   पु� अमृत महो�व को दखने क �लये हमारे
                ै
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                                                                                                                                                              �
         पत्र  �मला  �जसम�  उ��ने  उनसे  �शशुपाल  क  साथ    महाका� महाभारत को इ�तहास क साथ-साथ     इसी   �दन   मुझे   कोलकाता   क      अग�णत क्रां�तकारी यहाँ नह� ह, वे क्रां�तकारी
                                          े
                                                                                                                               े
                                                   धमर् का आधारभूत ग्र� माना जाता ह। अजर्न,
                                                                               ै
                                                                                   ु
         अवां�छत  �ववाह  से  बचाने  का  अनुरोध  �कया  था                                           �व�ो�रया  मेमो�रयल  म�  �ब�बी       �ज��न अपन र� से इस �तंत्रता क वृ� को
                                                                                                                                             े
                                                                                                                                                                  े
                                                                                                                                                 े
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                                                   भी�, कती और द्रौपदी जैसे कई पात्र� से भरा
                                                                                                                े
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         ���क वह क� से शादी करना चाहती थ�। क�                                                      भारत  गैलरी  क  लोकापर्ण  का  भी    अंक�रत  �कया,  �ज��ने  अपने  प�रवार,  अपन  े
                                                                                                                                          ु
                                                                             े
                                                                         ृ
                                                   महाका�  हम�  भारतीय  सं��त  क  �व�भ�
                                                                                                   अवसर    �मला।   भारत   क   वीर
                                                                                                                          े
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         क�डलपुर (वतर्मान भी�कनगर, अरुणाचल प्रदश)   मू�� क� �श�ा दता ह। इस महाका� क कद्र म�                                            �मत्र, अपने �प्रय जन� क�, अपनी सुख सु�वधा को
                                                                                 �
                                                                े
                                                                               े
                                                                   ै
                                                                                                   क्रां�तका�रय�  को  श्र�ांज�ल  दने  क
                                                                                                                           े
                                                                                                                               े
                                                                  �
                                                                        े
                                                             ृ
         म�  पहुचे  और  रु��णी  को  अपने  साथ  ल  आये।   भगवान श्री क� ह, यु� क मैदान म� उनक�                                          �तलांज�ल द दी ता�क ये दश �तंत्र हो सक। दश
              ं
                                          े
                                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                े
                                                                                                                                                         े
                                                                                                                                                                       े
                                                      ु
                                                   अजर्न को दी गई �श�ा ने भगवत गीता का रूप         �लए यह अपने आप म� बहुत ही अनूठी
              ु
                   े
         राजकमारी क भाई रू�� और उनक �मत्र �शशुपाल                                                                                      क  ऐसे  ही  अन�  नायक�  क  योगदान�  को
                                   े
                                                                                                                                        े
                                                                                                                                                             े
                                                   �लया।  महाभारत  म�  भगवान  क�  क�  कई           गैलरी ह। ै
                                                                           ृ
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           ृ
         क� और रु��णी का कछ दूरी तक पीछा करन  े                                                                                        जन-जन तक पहुचाना हमारा दा�य� ह। ै
                                                                                                                                                   ं
                                                   कहा�नयां  ह  �ज��ने  भारतीय  उपमहा�ीप  क�
                                                            �
         लगे, उ� क� क भाई बलराम जी ने रा�े म� रोक   सं��त  को  बहुत  प्रभा�वत  �कया  ह।  उनक                  प्रधानमंत्री नरे� मोदी
                �
                      े
                  ृ
                                                                                    े
                                                                               ै
                                                       ृ
                                                                                                                                       इसी धारणा को मन म� रखकर इस शहीद  �दवस
                                                                                े
                                                                             े
                                                                ं
         �लया, जो क� जी क� सहायता क �लए आये थे।    जीवन  क�  �क � वद�तयां  आज  भी  दश  क  सुदूर     ( मन क� बात क अपने संबोधन म� )
                  ृ
                                  े
                                                                                                                 े
                                                                                                                                        े
                                                   कोन� म� सुनी जाती ह। �                                                              क अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरे� मोदी
         श्री नरो�म पालन आगे बताते ह �क 'रु��णी हरण'
                                �
                                                                                                                                       ने  23  माचर्  2022  को  कोलकाता  क  शानदार
                                                                                                                                                                 े
                                                   भारत का पूव��र �ह�ा इसका अपवाद नह� ह।
                                                                                    ै
                                   े
                                           ं
         क� इस घटना को श्रीम�ागवत क दशम �ध म  �
                                                        े
                                                   यहां क लोग� ने भगवान श्री क� क जीवन क�                                              �व�ो�रया  मेमो�रयल  हॉल  म�  �ब�बी  भारत
                                                                             े
                                                                        ृ
                                           ै
         तीन अ�ाय� म� �व�ार से व�ण�त �कया गया ह। वह�
                                                   कहा�नय�  को  नृ�  और  संगीत  म�  रूपांत�रत    नर�द्र  मोदी  सरकार  क�  यह  पहल  दश  क   गैलरी का उ�ाटन �कया। भारत क� �तंत्रता क
                                                                                                                            े
                                                                                                                               े
                                                                                                                                                                       े
                          ृ
         �ववाह  �ल  पर  प्राक�तक  वन��त  का  वणर्न   �कया  ह।  अरुणाचल  प्रदश  म�  �नचली  �दबांग   युवाओं को �श��त करने क� �दशा म� एक
                                                         ै
                                                                     े
                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                                 े
                                                                                                                                       �लए अपने प्राण� क� आहु�त दने वाल वीर� क�
                                                               ं
                                                                  े
                                                          े
                                                                                                                 ै
         गुजरात  क  माधवपुर  घेड  म�  �ववाह  होने  क�   घाटी �जल म� रोइग क पास ��त भी�कनगर       सकारा�क कदम ह। माननीय प्रधानमंत्री
                  े
                                                                                                                                       वीरता  और  प्र�तब�ता  क  स�ान  म�  उनक�
                                                                                                                                                         े
                                                   एक ऐसा �ान ह जहां कोई भी प्रदशर्न कला         �ारा 23 माचर्, 2022 को उ�ा�टत �ब�बी
                                                                ै
         प्रामा�णकता क� पु�� करता ह। माधवपुर मेल क�
                                ै
                                           े
                                                                    े
                                                   रूप� म� ऐसी कहा�नय� क प्रभाव का अनुभव कर      भारत गैलरी उन ब�लदान� क� गाथा ह जो    �ृ�त का �वशेष �दन ‘शहीद �दवस’, क रूप म  �
                                                                                                                                                                  े
                                                                                                                             ै
                     े
         ऐ�तहा�सकता क बारे म� बताते हुए श्री पालन कहते ह  �
                                                          ै
                                                   सकता  ह।  महाभारत  म�  (राजा  भी�क  का)       क्रां�तका�रय�  ने  भारत  को  औप�नवे�शक   मनाया  जाता  ह  ���क  1931  म�  इसी  �दन
                                                                                                                                                   ै
         �क मेला कम से कम 500 साल पुराना ह ���क    क�डल  रा�  (वतर्मान  म�  भी�कनगर)  का         साम्रा� क चंगुल से मु� करने क �लए
                                        ै
                                                    ं
                                                    ु
                                                                                                         े
                                                                                                                            े
                                                                                                                                       �ब्र�टशराज  ने  हमारे  क्रां�तका�रय�  भगत  �स�ह,
                                                                        ै
         इसका  उ�ख  15व�  शता�ी  क  अंत  म    �    संदभर् इस त� को दोहराता ह �क महाका� न  े      �दए थे।
                                      े
                    े
                                                                                                                         ु
                                                                                                                     चंद्र कमार बोस
                                                                                                                                                           े
                                                   युग� से, भारत क �व�भ� �ह�� को जोड़ने वाली                                            �शवराम राजगुरु और सुखदव थापर को फांसी
                                                              े
         श्रीम�ागवत पर आधा�रत क�वताओं म� �मलता ह।  ै                                                        पौत्र, नेताजी सुभाषचंद्र बोस
                                                                   े
                                                   एक अंत�न��हत कड़ी क रूप म� कायर् �कया ह। ै                                           पर लटका �दया था।
         इ�तहासकार इस बात पर प्रस�ता �� करते ह �क
                                            �
         ये  मेला  आज  तक  सामा�जक  एक�करण  क  एक
                                          े
                                                             माधवपुर का मेला कसे �स� कर रहा ह  ै
                                                                         ै
                        े
         अ��तीय उदाहरण क रूप म� चलता जा रहा ह। ै             “एक भारत श्रे� भारत” का आचरण?
                                                                  े
                                                             जानने क �लये QR code scan कर�।
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