Page 12 - Mann Ki Baat December 2022
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आ्ठ  साल  िहले  हमने,  ‘नमाछम  गंगे   का़फी  सुधार  ्ेखा  जा  रहा  है।  छहलसा
        अछभयान’ की शुरुआत की थी। हम सभी   मिली, गंगा डॉशलफन और किुओं की
        के छलए यह गौरव की बात है छक भारत   छवछभन्न प्जाछतयों की संखया में का़फी
                            ु
        की इस िहल को आज ्छनयाभर की        वृछद् हुई है। गंगा का इकोछससटम कलीन
        सराहना छमल रही है। यूनाइटेड नेशनस   होने से आजीछवका के अनय अवसर भी
        ने ‘नमाछम गंगे’ छमशन को इकोछससटम   बढ़ रहे हैं। यहाँ मैं ‘जलज आजीछवका
                            ु
        को छरसटोर करने वाले ्छनया के टॉि   मॉडल’ की चचा्ष करना चाहूँगा, जो छक
        टेन  इछनसेछटव  में  शाछमल  छकया  है।  ये   बायोडायवछस्षटी  को  धयान  में  रख  कर
        और भी खुशी की बात है छक िूरे छव्व   तैयार छकया गया है। इस टूरऱजम-बेसड
        के 160 ऐसे इछनछशएछटव में ‘नमाछम गंगे’   बोट सफारी को 26 लोकेशन िर लॉनच
        को यह सममान छमला है।              छकया गया है। जाछहर है, ‘नमाछम गंगे’
            साछथयो,  ‘नमाछम  गंगे’  अछभयान   छमशन का छवसतार, उसका ्ायरा, न्ी
        की सबसे बड़ी ऊजा्ष लोगों की छनरनतर   की सफाई से कहीं ़जया्ा बड़ा है। ये जहाँ
        सहभाछगता है। ‘नमाछम गंगे’ अछभयान   हमारी  इचिाशशकत  और  अथक  प्यासों
        में गंगा प्हररयों और गंगा ्ूतों की भी   का एक प्तयक् प्माण है, वहीं ये िया्षवरण
        बड़ी  भूछमका  है।  वे  िेड़  लगाने,  घाटों   संरक्ण की छ्शा में छव्व को भी एक

        की  सफाई,  गंगा  आरती,  नुककड़     नया रासता छ्खाने वाला है।
                ें
        नाटक,  िछटंग  और  कछवताओं  के
        ़जररए  जागरूकता  फैलाने  में  जुटे  हैं।   मेरे  पयारे  ्ेशवाछसयो,  जब  हमारी
        इस अछभयान से बायोडायवछस्षटी में भी   संकलि शशकत म़जबूत हो, तो बड़ी-से-बड़ी


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